चर्म रोगनाशक दवा
त्वचा पर खुजली चलने, दाद हो जाने, फोड़े-फुंसी हो जाने पर
खुजा-खुजाकर हाल बेहाल हो जाता है और लोगों के सामने शर्म भी आती है।
यदि आप कोई क्रीम या दवा लगाना न चाहें या लगाने पर भी
आराम न हो तो घर पर ही यह चर्म रोगनाशक तेल बनाकर लगाएँ, इससे यह व्याधियाँ दूर
हो जाती हैं।
तेल बनाने की विधि : नीम की छाल, चिरायता, हल्दी, लाल चन्दन, हरड़, बहेड़ा, आँवला और अड़ूसे के
पत्ते, सब
समान मात्रा में। तिल्ली का तेल आवश्यक मात्रा में। सब आठों द्रव्यों को 5-6
घंटे
तक पानी में भिगोकर निकाल लें और पीसकर कल्क बना लें।
पीठी से चार गुनी मात्रा में तिल का तेल और तेल से चार
गुनी मात्रा में पानी लेकर मिलाकर एक बड़े बरतन में डाल दें। इसे मंदी आंच पर इतनी
देर तक उबालें कि पानी जल जाए सिर्फ तेल बचे। इस तेल को शीशी में भरकर रख लें।
जहाँ भी खुजली चलती हो, दाद हो वहाँ या पूरे
शरीर पर इस तेल की मलिश करें। यह तेल चमत्कारी प्रभाव करता है। लाभ होने तक यह
मालिश जारी रखें, मालिश
स्नान से पहले या सोते समय करें और चमत्कार देखें।
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