इंडियन फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) ने हाल ही में जड़ी बूटियों और हर्बल उत्पादों के मोनोग्राफ विकास के लिए मार्गदर्शन दस्तावेज जारी किया है।

इंडियन फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) ने हाल ही में जड़ी बूटियों और हर्बल उत्पादों के मोनोग्राफ विकास के लिए मार्गदर्शन दस्तावेज जारी किया है।  इस पुस्तिका का उदेश्य आईपी के हितधारकों के लिए दिशा निर्देश प्रदान करने के उद्देश्य से है। जो कि जड़ी बूटियों और हर्बल उत्पादों मोनोग्राफ, फाइटोकेमिकल्स संदर्भ पदार्थों के मटेरियल, वनस्पति के संदर्भ पदार्थों, जिनका रिफरेन्स आईपीसी में दिया गया है, को सबमिट करना चाहते है।


दस्तावेज़
से निर्माताओं और अन्य हितधारकों को जड़ी बूटियों और हर्बल उत्पादों के मोनोग्राफ की प्रक्रिया और विकास को समझने में मदद मिलेगी और मार्गदर्शक की भूमिका अदा करेगा इससे एक साथ भारत और विदेशों में हर्बल्स की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। मैनुअल मोनोग्राफ के विकास के साथ ही वनस्पति संदर्भ पदार्थ (बीआरएस) और फाइटोकेमिकल्स संदर्भ पदार्थ (पीआरएस) के लिए वर्तमान मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) का उल्लेख करता है

इस पुस्तिका पर काम करने वाले कोर कमेटी ने
डॉ जीएन सिंह सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक (आईपीसी) की अध्यक्षता में काम किया गया था जो डीसीजीआई के अध्यक्ष भी है। इस समिति के अन्य प्रमुख सदस्यों में डॉ डीबी अनंत नारायण (हर्बल प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट ग्रुप के अध्यक्ष), बी मुरली, वरिष्ठ प्रबंधक - प्राकृतिक उपचार की गुणवत्ता नियंत्रण; प्रोफेसर एस एस हांडा, भूतपूर्व डायरेक्टर ऑफ़ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटेग्रतिवे मेडिसिन्स (पूर्व RRL), डॉ सीके कटियार, इमामी हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, डॉ अमित अग्रवाल- डायरेक्टर (R&D ऑफ़ नेचुरल रेमेडीज), तथा डॉ जॉर्ज पाटनी, निदेशक अनुसंधान एवं विकास इंगा फार्मास्यूटिकल्स शामिल थे।

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